GSW
  • जीवन
  • 0 अध्यात्म
  • आध्यात्मिक ज्ञान
  • Contact
  • Spiritual Definitions
Picture

असफलता में क्या करूँ

Gaurav Sharma - Tokyo,Japan
असफलता में क्या करूँ
फ़ैल हो गए तो क्या हुआ?

हम किसी सफलता के बारे में सोचते है, प्लान बनाते है उस पर काम करना स्टार्ट करते है, जितनी भी हमारे पास चेतना, ऊर्जा तथा टाइम होता है वो सब देते हैं और काम को समाप्त करके परिणाम का इन्तजार करते है और जब परिणाम हमारे प्लान के अनुकूल नहीं होता तो हम खुद को हारा हुआ मान लेते हैं। 

देखो एक बात सोचो वो जो एक क्षण है जिसमे तुम्हे मालूम हुआ है कि परिणाम नकारात्मक हैं क्या वो वास्तव में तुम्हारे कारण हुआ है, क्या जिसने वो परिणाम घोषित किया है उसका कोई रोल नहीं है? वो सारे फैक्टर्स या संसाधन जो परिणाम प्राप्ति के प्रोसेस में उपयोग किये गए थे उनका कोई हाथ नहीं है तथा काम को करने के लिए जरुरी नॉलेज व स्किल्स का कोई रोल नहीं है ?


कुछ देख पा रहे हो जो खुद की हार थी अब वो खुद की नहीं है और भी बहुत से लोग तुम्हारे साथ हारे हैं उनकी भी आशाएं निराशा में बदल गयीं है, उनके सपने भी अधूरे हैं और वो भी वह अनुभव नहीं कर पाएंगे जिनसे ख़ुशी मिलती। ये सही है कि तुम भी उन सफलताओं को अनुभव नहीं कर पाओगे और औरों को अपने अनुभव नहीं बता पाओगे, लोगों को प्रभावित नहीं कर पाओगे पर इन सब में एक बात बताओ की अगर वास्तव में तुम अनुभव के लिए सब कुछ कर रहे थे तो तुम्हे हार के अनुभव को भी उतनी ही उत्साह से लेना चाहिए जितना तुम हार के गम को गंभीर तरीके से ले कर बैठे हो। सुनो 5-10 मिनट में जानने वाले निर्णय के प्रभाव से काम में दिए बहुत सारे समय को बर्बाद मत करो क्योंकि इतने छोटे से समय और उतने बड़े समय की तुलना हो नहीं की जा सकती। 

यज्ञ करना कैसे सीखें ?

क्या आप घर बैठे अपने आप यज्ञ सीखना चाहते हैं ? तो अभी निचे दिए गए लिंक पर जाएँ
यज्ञ करने की विधि →
असफलता का क्या करूँ 
यहाँ आओ, देखो बहुत मूल्यवान क्षण है ऐसे ही हार की निराशा में खो कर, हार का गम बना कर, औरों में कमी बता कर या नए सिरे से स्टार्ट करने की सोच कर या फिर और भी किसी तरह के आईडिया को सोच कर इस हार को क्विट मत करों। 

पता है अगर इस पल में  साक्षी की तरह रोल निभाया तो जीवन की सबसे बड़ी डिस्कवरी हो सकती है। साक्षी बन कर शुरू से लेकर परिणाम आने तक का पुरे प्रोसेस की समीक्षा करना शुरू करो, याद करने की कोशिश करो कहाँ से शुरू किया था, क्या करना था, किसके साथ करना था, किसकी हेल्प लेनी थी, क्या रिसोर्सेज थे और सबसे जरुरी क्या पुरे प्रोसेस में कोई ऐसा निर्णय लिया था जिसमे किसी के इन्वॉल्वमेंट को बढ़ाया या घटाया गया था। 

निश्चित तौर पे कोई न कोई कमी मिल जाएगी और पता है ये जो कमी मिली है यही तो सबक कहलाती है अगर ये कमी नहीं मिले तो ऊंचे लेवल के अनुभव नहीं कर पाते। पता है ​जब मन की नहीं होती तो फिर बुद्धि की होती है और एक बात याद रखना मन से श्रेष्ठ है बुद्धि। 
असफलता के मुख्य कारण
फिर से शुरुआत करने पर तुम्हे पहले से ज्यादा सावधान रहना क्योंकि अबकी बार तुम्हे यह भी पता करना है कि क्या चीज आपके लिए काम कर रही है और क्या नहीं। इससे तुम्हे लोगों, संसाधनों तथा और भी प्रोसेस में काम में वाली चीजों के बारे में पता चल जायेगा और आगे से तुम उनको अपने प्लान में शामिल करने से बचोगे। 

​अब बुद्धि के साथ जा कर जो भी कमी पुरे प्रोसेस में हार का कारण बनी है उसके आस पास के सारे तत्वों को कलेक्ट करों और पूरी चेतना के साथ उस समय के अंतर्गत आने वाले फैक्टर्स को चेतन करो और पुरे जोश से परिणाम कि प्रतीक्षा करो, देखना जीत तुम्हारी ही होगी क्योंकि एक ही सत्य है तुम यहाँ जितने के लिए ही आये हो और जो काम तुम्हे हराने का माध्यम बना है वही जिताने का भी माधयम बन जाता है। 
 
असफलता एक रहस्य
किसी दूसरे के द्वारा असफल होने की खबर मिलने पर बस डूब गए सनाटे में।  एक बात सोचो इस खबर से मिलने से पहले और काम शुरू करने से पहले मन ने तो सफल होने के का जश्न बनाने के सारे प्लान तय कर लिए थे ना। और तुमने काम शुरू कर दिया। 

सिर्फ तुमने ही काम शुरू का प्रोसेस शुरू नहीं किया था तुम्हे पता है है समान्तर रूप से मन ने भी काम शुरू करना का प्रोसेस शुरू कर दिया था , जगह जगह लिंक बना लिए थे और मंजिल पर सफलता का एंकर भी लगा दिया था। अब यहाँ से तुम यह भी पता कर सकते हो की क्या वास्तव में तुम दिल से उस काम को करना चाहते थे पता है कैसे अगर असफल होने पर मन वहां उस सफलता के बारे में नहीं सोच रहा है और एंकर भी हटा दिया है तो तुम समझ लेना की वो तीव्र इच्छा नहीं थी पर अगर मन बार वही उस मजिल पर जा रहा है और इस असफल की खबर से प्रभावित नहीं हुआ हुआ है तो समझ जाना की प्रज्वलित इच्छा है और यहाँ वही लॉ आता है की आत्मा का बेसिक बिहेवियर है इच्छा करना और परमात्मा की जिम्मेदारी है उसे पूरा करना। 

अब एक बात बताओ जहाँ बात ही परमात्मा की होने लगी तो कौन रोक पायेगा तुम्हे , विश्वास करो बहार के किसी भी सिस्टम या इंसान में तो इतना दम है नहीं  मगर हां तुम्हारे अंदर का भरोषा ही डगमगा जाये तो कह नहीं सकते है। 

अरे फिर से उसी भरोसे के साथ आगे बड़ों, बुद्धि के साथ जा कर फिर से तैयारी करो और आशा के साथ फिर से कोशिश करो सही बता रहा हूँ सफलता इन्तजार कर रही होगी और मन को मजा आ जायेगा बुद्धि की महिमा देख कर।  

अब देख पा रहे हो कुछ, फ़ैल हुए तो क्या हुआ बहुत गहरा अर्थ है इस सवाल में, क्या आईडिया लग पा रहा है ?

नहीं महसूस कर पा रहे हो की असफलता के पीछे भी कई रहस्य है, मन के बारे में पता चला, परमात्मा के बारे में, नेचुरल लॉ के बारे में, खुद के बारे में, आस पास के संसाधनों के बारे में और वो जो ऊपर समझाया है उस गलती के बारे में जो सबक दे गयी और सुनो यह बात हमेशा के लिए याद रख लेना जो महान अनुभव और रहस्य असफलता के पीछे छुपे हुए है वो तुम्हे सफलता के पीछे नहीं मिल पाएंगे। 
Note: अगर असफलता का रहस्य समझ आ जायेगा तो खुद को तथा सफलता व असफलता के अलग कर दोगे और यही से निष्काम कर्मा का जन्म होगा जिसके फलस्वरूप कर्म करना ही तुम्हारे लिए योग बन जायेगा। 
Just for you
What next ​:
Picture

Get the latest topics, stories, inspirations and contents from GSW.

Subscribe Now
Imagine with GSW > Ideas
Powered by Create your own unique website with customizable templates.
  • जीवन
  • 0 अध्यात्म
  • आध्यात्मिक ज्ञान
  • Contact
  • Spiritual Definitions