स्लोगन क्या होता है
कंपनी के नाम या किसी के टाइटल के पास एक छोटी सी पंक्ति साथ में होती है, लोग उस पंक्ति को अपनी बातचीत में अक्सर उपयोग करते है और जोकि लोगों को पसंद भी आती है तथा उसी के सहारे फिर कंपनी के बारे में बताना भी शुरू हो जाता है। आखिर इस पंक्ति में क्या है और इसका का क्या प्रभाव होता है कि कंपनी के साथ साथ प्रोडक्ट्स व सर्विसेज के बारे में भी लोग और कस्टमर्स आईडिया लगा लेते है।
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जिंदगी से जुड़े सारे सवालों, शंकाओं तथा इंसानों के जीवन के सारे पहलुओं का आध्यात्मिक ज्ञान यहाँ उपलब्ध है।
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स्लोगन का मतलब
यह एक फ्रेज है, यह छोटी सी पंक्ति वास्तव में एक फ्रेज होती है पर यहाँ क्लियर होना चाहिए कि फ्रेज और सेंटेंस में फर्क होता है इसलिए हमेशा बोलते समय फ्रेज का उपयोग करें। इसका मतलब स्लोगन एक फ्रेज होता है तथा इसका उपयोग बिज़नेस तथा ब्रांडिंग में किया जाता है। बिज़नेस में इसका उपयोग एडवरटाइजिंग के रूप में तथा ब्रांडिंग में इसका उपयोग पब्लिक रिलेशन के लिए किया जाता है।
स्लोगन का अर्थ तथा उपयोग
स्लोगन के अंदर उपयोग में आने वाले फ्रेज की बहुत ही सरल और सिंपल सी मीनिंग होती है जिसकी मदद से ऑडियंस को अवेयर किया जाता है और कंपनी या प्रोडक्ट्स व सर्विसेज के अस्तित्व के बारे में अवगत कराया जाता है। संदेश इम्प्रेस्सेड करने का काम करता है जिससे ऑडियंस को प्रोडक्ट का मतलब समझने आने लगता है और कंपनी के लिए सोच बनाना प्रारम्भ होती है।
बिज़नेस में इसका उपयोग एडवरटाइजिंग के रूप में तथा ब्रांडिंग में इसका उपयोग पब्लिक रिलेशन के लिए किया जाता है।
एडवरटाइजिंग तथा पब्लिक रिलेशन बिज़नेस मार्केटिंग के एहम प्रोसेस में से एक है अगर पूरी चेतना के साथ स्लोगन के बारे में सोचा जाये तो यह बिज़नेस के प्रचार तथा साथ की साथ प्रसार में बहुत मददगार हो सकता है। इसकी मदद से लोगों के बीच कंपनी, ऑफरिंग, प्रोडक्ट्स आदि के बारे बताया जा सकता है।
बिज़नेस में इसका उपयोग एडवरटाइजिंग के रूप में तथा ब्रांडिंग में इसका उपयोग पब्लिक रिलेशन के लिए किया जाता है।
एडवरटाइजिंग तथा पब्लिक रिलेशन बिज़नेस मार्केटिंग के एहम प्रोसेस में से एक है अगर पूरी चेतना के साथ स्लोगन के बारे में सोचा जाये तो यह बिज़नेस के प्रचार तथा साथ की साथ प्रसार में बहुत मददगार हो सकता है। इसकी मदद से लोगों के बीच कंपनी, ऑफरिंग, प्रोडक्ट्स आदि के बारे बताया जा सकता है।
अध्यात्म में आशा है।
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अपना जीवन आशाओं पर कायम है तथा आध्यत्मिक शक्तियों में हमारी आशाओं में की जाने वाली चाहतों को पूरा करने की क्षमता होती हैं।आध्यत्मिक जीवन से स्वम् का मनोबल बढ़ता है।
चेतन मन पर प्रभाव
स्लोगन का ऑडियंस पर बहुत अच्छा इम्पैक्ट होता है और इसके प्रभाव से उनका मन खुद ब खुद अवेयर होता है। अगर स्लोगन क्रिएट करते समय के फीचर्स या नेचर ऑफ़ बिज़नेस के रिलेटेड कुछ फ्रेज तैयार की जाये तो यह बहुत बड़े लेवल पर एक एडवरटाइजिंग सोर्स बन जाता है तथा कंपनी के नाम का खुद ही प्रचार करने लगता है जिससे आपके बिज़नेस के बारे में एक लोकेशन से दूसरी लोकेशन तक जानना शुरू हो जाता है।
Note: स्लोगन क्या यह ये समझ आने के बाद, स्लोगन बनाने का सॉलिड पर्पस आपके माइंड में आना शुरू हो जाता है और आप सोचने लगते है की स्लोगन का निर्माण एडवरटाइजिंग के लिए करना है या ब्रांडिंग के लिए।
Note: स्लोगन क्या यह ये समझ आने के बाद, स्लोगन बनाने का सॉलिड पर्पस आपके माइंड में आना शुरू हो जाता है और आप सोचने लगते है की स्लोगन का निर्माण एडवरटाइजिंग के लिए करना है या ब्रांडिंग के लिए।
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