मौका क्या होता है
किसी को खेलने का मौका चाहिए तो किसी को पढ़ने का, किसी को बिज़नेस करने का मौका चाहिए तो किसी को जॉब का, किसी को कुछ कर दिखने का मौका चाहिए तो किसी को कुछ सावित करने का पर यहाँ एक चाह जो हर केस में कॉमन है है और वो है मौके की चाह हर कोई मौके की तलाश में हैं और एक ही आस, जीवन में खूब शानों शौकत, धन दौलत और ढेर सारा मान, सम्मान और प्यार और वो (अब वो अपनी अपनी इच्छा से इमेजिन करलो)
ऐसा हो गया है कि जीवन का सारा सार ही मौके में जा कर दुबक गया है और मौका है की मिल ही नहीं रहा है, पता नहीं कहा मिलेगा और कब मिलेगा और ये भी नहीं पता मिल जायेगा या ऐसे ही रह जायेगें। देख लो मिल जाये कहीं चोराहे पे या खड़ा हो वहां मंडी में।
एक बात है मौके की बहुत बखत है, बहुत ऊंचा नंबर है मौके का और हाँ इतिहास गवाह रहा है इस मौके कि वजह से कुछ एक लोगों ना सिर्फ अपने जीवन के मकसद को पूरा किया बल्कि और लोगों के लिए भी उदाहरण प्रस्तुत किया।
एक बात है मौके की बहुत बखत है, बहुत ऊंचा नंबर है मौके का और हाँ इतिहास गवाह रहा है इस मौके कि वजह से कुछ एक लोगों ना सिर्फ अपने जीवन के मकसद को पूरा किया बल्कि और लोगों के लिए भी उदाहरण प्रस्तुत किया।
नामुमकिन को मुमकिन करने के लिए नेचर द्वारा बनाया गया संयोग जो की किसी व्यक्ति विशेष की योग्यता व क्षमता से सम्बंधित प्रतिभा को प्रदर्शित करने का साधन होता है, को मौका कहा जाता हैं।
इस यूनिवर्स में कई सारे काम बनाये गए है जिससे कि प्रकर्ति का सञ्चालन सुचारु रूप से होता रहे और जीवन निरंतर चलता रहे। बाद में इन सारे कामों को दो भागों में बाँट दिया जाता है पहला नामुमकिन और दूसरा मुमकिन मतलब काम होने से पहले की अवस्था के संदेह को नामुमकिन तथा काम होने के बाद की सफलता की अवस्था को मुमकिन के नाम से जाना जाता है।
ऐसा करके आप उन्हें ज्ञान से सशक्त कर सकते हो जोकि उन्हें सही तथा उपयोगी समझ प्राप्त करने में मदद करती है और यही ब्रांडिंग का असली मकसद होना चाहिए की आप उनके आइडियाज के बारे में उत्साहित करें और दोनों की मिली जुली इच्छा शक्ति से अस्तित्व में लाएं।
इस यूनिवर्स में कई सारे काम बनाये गए है जिससे कि प्रकर्ति का सञ्चालन सुचारु रूप से होता रहे और जीवन निरंतर चलता रहे। बाद में इन सारे कामों को दो भागों में बाँट दिया जाता है पहला नामुमकिन और दूसरा मुमकिन मतलब काम होने से पहले की अवस्था के संदेह को नामुमकिन तथा काम होने के बाद की सफलता की अवस्था को मुमकिन के नाम से जाना जाता है।
ऐसा करके आप उन्हें ज्ञान से सशक्त कर सकते हो जोकि उन्हें सही तथा उपयोगी समझ प्राप्त करने में मदद करती है और यही ब्रांडिंग का असली मकसद होना चाहिए की आप उनके आइडियाज के बारे में उत्साहित करें और दोनों की मिली जुली इच्छा शक्ति से अस्तित्व में लाएं।
अब क्या होता है नेचर द्वारा इन कामों का निष्पादन करना होता है और उसके लिए इंसानों की जरुरत पड़ती है तथा जो भी इंसान जाग्रत अवस्था में होता हो नेचर उसे उस काम के लिए चुन लेती है वो इंसान काम करता है और नेचर का पर्पस पूरा हो जाता है।
नेचर द्वारा काम मिलने के बाद व्यक्ति विशेष अपनी योग्यता व क्षमता का उपयोग करके मेहनत करना शुरू करता है तथा अपने अथक प्रयासों से उचाईयों तक पहुँचता है और सफलता की अवस्था का स्वाद चखता है।
नेचर द्वारा काम मिलने के बाद व्यक्ति विशेष अपनी योग्यता व क्षमता का उपयोग करके मेहनत करना शुरू करता है तथा अपने अथक प्रयासों से उचाईयों तक पहुँचता है और सफलता की अवस्था का स्वाद चखता है।
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