What is love
दिल के अंदर कुछ घूमता है, जिससे प्यार का पता चलता है और किसी का अपने होने का एहसास होने लगता है।
Movement in heart
प्यार की बात तो करनी ही पड़ेगी क्योंकि यही एक कॉमन नॉलेज है जो सबके पास है, सब अवेयर हैं, सब इस में रुचि रखते है, सब की इसे पाने की इच्छा है और सब अपने जीवन को प्यार के साथ जीने की तम्मना रखते हैं। जब समाज का इतना बड़ा हिस्सा प्यार से रूबरू है तो हमें इस पर ध्यान देना होगा और ओपन बात भी करनी होगी की प्यार क्या है।
प्यार की बात तो करनी ही पड़ेगी क्योंकि यही एक कॉमन नॉलेज है जो सबके पास है, सब अवेयर हैं, सब इस में रुचि रखते है, सब की इसे पाने की इच्छा है और सब अपने जीवन को प्यार के साथ जीने की तम्मना रखते हैं। जब समाज का इतना बड़ा हिस्सा प्यार से रूबरू है तो हमें इस पर ध्यान देना होगा और ओपन बात भी करनी होगी की प्यार क्या है।
What is love
ये नॉलेज है सबसे पहली बात और दूसरी सबसे जरुरी बात जो भी इस नॉलेज को प्राप्त कर लेता है वो चेतन अवस्था को प्राप्त हो जाता है। हम इसे यहाँ पर ऐसे समझेंगे
जब एक लड़की किसी लड़के से इंटरैक्ट करती है या कोई लड़का किसी लड़की से तो उसके इंटेंशन मतलब भाव एक दूसरे में ट्रांसफर हो जाते है और ये भाव उनके मन में क्रिया करते हैं और चेतना दिल तक पहुँचती है। दिल तक पहुँचने के बाद चेतना दिल में स्थित प्यार के संपर्क में आती है और लड़के या लड़की को पहले से ज्यादा चेतन बना देती है।
ये नॉलेज है सबसे पहली बात और दूसरी सबसे जरुरी बात जो भी इस नॉलेज को प्राप्त कर लेता है वो चेतन अवस्था को प्राप्त हो जाता है। हम इसे यहाँ पर ऐसे समझेंगे
जब एक लड़की किसी लड़के से इंटरैक्ट करती है या कोई लड़का किसी लड़की से तो उसके इंटेंशन मतलब भाव एक दूसरे में ट्रांसफर हो जाते है और ये भाव उनके मन में क्रिया करते हैं और चेतना दिल तक पहुँचती है। दिल तक पहुँचने के बाद चेतना दिल में स्थित प्यार के संपर्क में आती है और लड़के या लड़की को पहले से ज्यादा चेतन बना देती है।
Journey of love
लड़के के केस में चेतना दिल तक पहुंचने में बहुत टाइम लेती है क्योंकि पहले चेतना को मन से फिर बुद्धि से और उसके बाद ट्रू ईगो से हो कर गुजरना पड़ता है और इन सब के बाद वह दिल को टच कर पाती है और तब जा कर लड़के को प्यार महसूस हो पता है। वास्तव में इस प्रोसेस में होता क्या है की जब कोई लड़की लड़के के साथ प्यार वाले भाव से साथ होती है तो पहले लड़के की चेतना मन के पास जाती है और उस लड़की के लिए कुछ फील करना स्टार्ट करती है उसके बाद चेतना बुद्धि के पास जा कर चेक करती है की क्या भाव हैं प्यार के तथा सबसे अंत में लड़के की चेतना ईगो के पास जा कर लड़की के एक्सिस्टेंस मतलब रंग, रूप, व्यव्हार आदि का कन्फर्मेशन होता है और फिर जा कर चेतना दिल तक जाती है और लड़का प्यार में होना महसूस कर पा रहा होता है।
पर लड़की के केस में ऐसा नहीं होता। जैसे ही कोई लड़का इंटरैक्ट करता है जो तुरत चेतन हो जाती है और अपने अंदर प्यार को फील करना स्टार्ट कर देती है। यहाँ एक बात है कुछ दिन बाद अगर लड़का इंटरैक्ट नहीं करता तो लड़की थोड़ा वैसा महसूस करने लगती है और लड़की के आस पास वाले लड़की को थोड़ा ऐसा वैसा भी कहने लगते है और कुछ लड़के इस एक्ट से खुद को बड़ा सा मानने लगते हैं और सब समझते है की लड़की ने सोच समझ कर नहीं जल्दीबाजी में सब किया और मानते है की लड़की बेफकूफ है पर वास्तव में ऐसा है नहीं क्योंकि प्यार बहुत पवित्र है और जो पवित्र है वो अनुभवी को ही समझ आ पायेगा और लड़की तो खुद में ही अनुभव का प्रतीक है अब यहाँ समझना की वास्तव में किसने किसको बेफकूफ बनाया है।
इस केस में लड़के ने खुद को ही बेफकूफ बना लिया है लड़की को नहीं क्योंकि उसके पास प्यार को महसूस करने का अनुभव ही नहीं था और इसलिए वो उस लड़की के रोल को अपनी लाइफ में नहीं समझ पाया और समझता भी कैसे क्योंकि प्यार एक नॉलेज है और तुम जानते हो कोई भी नॉलेज को समझने के लिए सच्चाई, ईमानदारी, निष्कपटता, नेकनीयती तथा और भी कई सारी वैल्यू चाहिए होती है जोकि लड़के में नहीं है ये है पहली बात और दूसरी बात...
दूसरी बात लड़की ने कोई नया प्यार लड़के के अंदर पैदा नहीं किया था बल्कि जो प्यार पहले से ही लड़के के दिल में था उससे लड़के को रूबरू करने में मदद की थी क्योंकि लड़कियों को प्यार, करुणा, दया, त्याग आदि नॉलेज का अनुभव होता है।
लड़के के केस में चेतना दिल तक पहुंचने में बहुत टाइम लेती है क्योंकि पहले चेतना को मन से फिर बुद्धि से और उसके बाद ट्रू ईगो से हो कर गुजरना पड़ता है और इन सब के बाद वह दिल को टच कर पाती है और तब जा कर लड़के को प्यार महसूस हो पता है। वास्तव में इस प्रोसेस में होता क्या है की जब कोई लड़की लड़के के साथ प्यार वाले भाव से साथ होती है तो पहले लड़के की चेतना मन के पास जाती है और उस लड़की के लिए कुछ फील करना स्टार्ट करती है उसके बाद चेतना बुद्धि के पास जा कर चेक करती है की क्या भाव हैं प्यार के तथा सबसे अंत में लड़के की चेतना ईगो के पास जा कर लड़की के एक्सिस्टेंस मतलब रंग, रूप, व्यव्हार आदि का कन्फर्मेशन होता है और फिर जा कर चेतना दिल तक जाती है और लड़का प्यार में होना महसूस कर पा रहा होता है।
पर लड़की के केस में ऐसा नहीं होता। जैसे ही कोई लड़का इंटरैक्ट करता है जो तुरत चेतन हो जाती है और अपने अंदर प्यार को फील करना स्टार्ट कर देती है। यहाँ एक बात है कुछ दिन बाद अगर लड़का इंटरैक्ट नहीं करता तो लड़की थोड़ा वैसा महसूस करने लगती है और लड़की के आस पास वाले लड़की को थोड़ा ऐसा वैसा भी कहने लगते है और कुछ लड़के इस एक्ट से खुद को बड़ा सा मानने लगते हैं और सब समझते है की लड़की ने सोच समझ कर नहीं जल्दीबाजी में सब किया और मानते है की लड़की बेफकूफ है पर वास्तव में ऐसा है नहीं क्योंकि प्यार बहुत पवित्र है और जो पवित्र है वो अनुभवी को ही समझ आ पायेगा और लड़की तो खुद में ही अनुभव का प्रतीक है अब यहाँ समझना की वास्तव में किसने किसको बेफकूफ बनाया है।
इस केस में लड़के ने खुद को ही बेफकूफ बना लिया है लड़की को नहीं क्योंकि उसके पास प्यार को महसूस करने का अनुभव ही नहीं था और इसलिए वो उस लड़की के रोल को अपनी लाइफ में नहीं समझ पाया और समझता भी कैसे क्योंकि प्यार एक नॉलेज है और तुम जानते हो कोई भी नॉलेज को समझने के लिए सच्चाई, ईमानदारी, निष्कपटता, नेकनीयती तथा और भी कई सारी वैल्यू चाहिए होती है जोकि लड़के में नहीं है ये है पहली बात और दूसरी बात...
दूसरी बात लड़की ने कोई नया प्यार लड़के के अंदर पैदा नहीं किया था बल्कि जो प्यार पहले से ही लड़के के दिल में था उससे लड़के को रूबरू करने में मदद की थी क्योंकि लड़कियों को प्यार, करुणा, दया, त्याग आदि नॉलेज का अनुभव होता है।
This is love
देख पा रहे हो ? समझ पा रहे हो ? सोच पा रहे हो ?
प्यार शास्वत नॉलेज है मतलब हर कोई इस नॉलेज को प्राप्त करने योग्य नहीं है ऊपर के पैराग्राफ में देखा कितनी वैल्यूज चाहिए होती है प्यार के पाने के लिए और ये सारी वैल्यूज हर किसी के अंदर नहीं होती है क्योंकि ये वैल्यूज होने पर जिसके भी अंदर ये वैल्यूज है चाहे वो लड़का हो या लड़का इस दुनिया में महान लोगों की केटेगोरी में आ जायेगा और पूरी दुनिया पर अपना परचम लहरा देंगे।
देख पा रहे हो ? समझ पा रहे हो ? सोच पा रहे हो ?
प्यार शास्वत नॉलेज है मतलब हर कोई इस नॉलेज को प्राप्त करने योग्य नहीं है ऊपर के पैराग्राफ में देखा कितनी वैल्यूज चाहिए होती है प्यार के पाने के लिए और ये सारी वैल्यूज हर किसी के अंदर नहीं होती है क्योंकि ये वैल्यूज होने पर जिसके भी अंदर ये वैल्यूज है चाहे वो लड़का हो या लड़का इस दुनिया में महान लोगों की केटेगोरी में आ जायेगा और पूरी दुनिया पर अपना परचम लहरा देंगे।