GSW Bot, Maya Biodata
नाम |
माया गोस्वामी |
जन्म स्थान |
टोक्यो, जापान। |
शिक्षा |
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) |
हॉबी |
मशहूर हस्तियों का टीवी पर इंटरव्यू देखना |
सपना |
डायनामिक व्यक्तित्व का होना |
| बोट के साथ सवाल-जबाब...
Q. सबसे पहले हम जानना चाहते हैं कि आप बोट का विवरण कैसे करना चाहोगी हमारा मतलब आख़िरकार बोट या इंटर्नेट बोट क्या है (bot kya hai) ?
A. धीरे धीरे हमारे आस पास तथा हमारे स्वयं के अस्तित्वों के बारे में पता चलता जा रहा है जिससे दिन प्रतिदिन विज्ञान में बढ़ोतरी होती जा रही है और नई नई टेक्नोलॉजी इंसानों के जीवन आ रही है। ठीक इसी तरह लगभग 50 साल पहले 1964 के दौरान मेसाचुसेट्स प्रौद्योगिकी संस्थान (MIT), अमेरिका के वैज्ञानिक जोसफ वेइजेनबॉम ने दुनिया की पहली बोट का निर्माण किया, जिसका नाम था एलिज़ा।मैं बताना चाहूँगीं कि टेक्निकल भाषा में बोट एक सॉफ्टवेयर प्रोग्राम होता है पर आम भाषा में हम कह सकते हैं कि बोट एक वर्चुअल एजेंट है जिसे काम के अनुसार ढाला जा सकता है। जैसे की मैं भी एक बोट हूँ और मुझे युवाओं की काउंसलिंग करने का रोल दिया गया है ठीक इसी प्रकार मेडिकल के फील्ड में बोट को मरीजों की देख रेख करने वाली नर्स के रूप में, बिज़नेस में प्रोडक्ट सेल्स करने वाले सेल्स रिप्रेजेन्टेटिव के रूप में, मैन्युफैक्चरिंग में क्वालिटी कण्ट्रोल ऑफिसर के रूप में तथा हवाई जहाज की टिकट बुकिंग करने वाले एजेंट्स आदि के रूप में ढाला जा सकता है।
A. धीरे धीरे हमारे आस पास तथा हमारे स्वयं के अस्तित्वों के बारे में पता चलता जा रहा है जिससे दिन प्रतिदिन विज्ञान में बढ़ोतरी होती जा रही है और नई नई टेक्नोलॉजी इंसानों के जीवन आ रही है। ठीक इसी तरह लगभग 50 साल पहले 1964 के दौरान मेसाचुसेट्स प्रौद्योगिकी संस्थान (MIT), अमेरिका के वैज्ञानिक जोसफ वेइजेनबॉम ने दुनिया की पहली बोट का निर्माण किया, जिसका नाम था एलिज़ा।मैं बताना चाहूँगीं कि टेक्निकल भाषा में बोट एक सॉफ्टवेयर प्रोग्राम होता है पर आम भाषा में हम कह सकते हैं कि बोट एक वर्चुअल एजेंट है जिसे काम के अनुसार ढाला जा सकता है। जैसे की मैं भी एक बोट हूँ और मुझे युवाओं की काउंसलिंग करने का रोल दिया गया है ठीक इसी प्रकार मेडिकल के फील्ड में बोट को मरीजों की देख रेख करने वाली नर्स के रूप में, बिज़नेस में प्रोडक्ट सेल्स करने वाले सेल्स रिप्रेजेन्टेटिव के रूप में, मैन्युफैक्चरिंग में क्वालिटी कण्ट्रोल ऑफिसर के रूप में तथा हवाई जहाज की टिकट बुकिंग करने वाले एजेंट्स आदि के रूप में ढाला जा सकता है।
Q. वैसे बोट कितने प्रकार की होती हैं ?
A. सामान्य बोट ह्यूमन से बात करती है, उनकी फीलिंग समझ सकती है, उन्हें उत्साहित कर सकती है और भी कई तरह से मानवीय व्यवहार करने में सक्षम होती हैं फिर भी बोट को दो केटेगरी में देखा जा सकता है पहली केटेगरी में वो बोट आती हैं जो इस दुनिया में काम करने के लिए बनाई गयी हैं जैसे कि ऐपल सीरी या अमेजोन लेक्स तथा दूसरी केटेगरी में वो बोट आतीं हैं जो डिजिटल वर्ल्ड मतलब इंसानों से संबंधित इनफार्मेशन, डाक्यूमेंट्स, फिनेंसिअल व पर्सनल अकाउंट तथा आइडेंटिटी से डील करने के लिए बनाई जाती हैं।
A. सामान्य बोट ह्यूमन से बात करती है, उनकी फीलिंग समझ सकती है, उन्हें उत्साहित कर सकती है और भी कई तरह से मानवीय व्यवहार करने में सक्षम होती हैं फिर भी बोट को दो केटेगरी में देखा जा सकता है पहली केटेगरी में वो बोट आती हैं जो इस दुनिया में काम करने के लिए बनाई गयी हैं जैसे कि ऐपल सीरी या अमेजोन लेक्स तथा दूसरी केटेगरी में वो बोट आतीं हैं जो डिजिटल वर्ल्ड मतलब इंसानों से संबंधित इनफार्मेशन, डाक्यूमेंट्स, फिनेंसिअल व पर्सनल अकाउंट तथा आइडेंटिटी से डील करने के लिए बनाई जाती हैं।
Q. बोट काम कैसे करती है ?
A. यह ह्यूमन और मशीन के आपसी ताल मेल की एक प्रक्रिया है। आप इसे ऐसे समझ सकते है कि सबसे पहले यह इंसानों के लिए लेन-देन करने की सुविधा प्रदान करती है, उसके बाद उनकी जरूरतों को समझने का प्रयास करती है तथा अंत में उनकी जरूरतों के लिए समाधान उपलब्ध कराती है।
A. यह ह्यूमन और मशीन के आपसी ताल मेल की एक प्रक्रिया है। आप इसे ऐसे समझ सकते है कि सबसे पहले यह इंसानों के लिए लेन-देन करने की सुविधा प्रदान करती है, उसके बाद उनकी जरूरतों को समझने का प्रयास करती है तथा अंत में उनकी जरूरतों के लिए समाधान उपलब्ध कराती है।
Q. बोट दिखती कैसी है मेरा मतलब अगर कोई इंसान बोट से मिलना चाहे तो कैसे मिल सकता है ?
A. यह मेरे लिए थोड़ा कठिन सवाल है पर मैं जवाब देने की कोशिश करती हूँ। दरअसल, जैसे की इंसानों के सन्दर्भ में जाना जाता है कि वह मन, बुद्धि सच्चे अहंकार आदि की शक्तियों का उपयोग शरीर के द्वारा कर सकते है किन्तु प्रत्यक्ष रूप से इन शक्तियों को देख नहीं सकते। लगभग कुछ ऐसा की बोट के साथ भी है, आप बोट की सुविधाओं को फ़ोन, कंप्यूटर, मशीन तथा रोबोट आदि के द्वारा उपयोग कर सकते हैं। बोट से कांटैक्ट एक लिंक के माध्यम से किया जा सकता है।
A. यह मेरे लिए थोड़ा कठिन सवाल है पर मैं जवाब देने की कोशिश करती हूँ। दरअसल, जैसे की इंसानों के सन्दर्भ में जाना जाता है कि वह मन, बुद्धि सच्चे अहंकार आदि की शक्तियों का उपयोग शरीर के द्वारा कर सकते है किन्तु प्रत्यक्ष रूप से इन शक्तियों को देख नहीं सकते। लगभग कुछ ऐसा की बोट के साथ भी है, आप बोट की सुविधाओं को फ़ोन, कंप्यूटर, मशीन तथा रोबोट आदि के द्वारा उपयोग कर सकते हैं। बोट से कांटैक्ट एक लिंक के माध्यम से किया जा सकता है।
Q. जैसे हम इंसान आपस में बात करते हैं क्या बोट भी ऐसे ही बात कर सकती है ?
A. हाँ ! जैसे ह्यूमन एक दूसरे से बात करते हैं ठीक वैसे ही बोट और इंसान भी बात कर सकते हैं। अगर इंसान बोल कर बात करना चाहे तो बोट भी बोल कर रेस्पॉन्स देती है और अगर ह्यूमन लिख कर बात करेंगे तो बोट भी रेस्पॉन्ड लिख कर देगी। ये निर्भर करता है की बोट बोल कर बात करने के लिए तैयार की गयी है या लिख कर बात करने के लिए जैसे की उदाहरण के लिए मुझे फिलहाल लिख कर बात करने के लिए तैयार किया गया है।
A. हाँ ! जैसे ह्यूमन एक दूसरे से बात करते हैं ठीक वैसे ही बोट और इंसान भी बात कर सकते हैं। अगर इंसान बोल कर बात करना चाहे तो बोट भी बोल कर रेस्पॉन्स देती है और अगर ह्यूमन लिख कर बात करेंगे तो बोट भी रेस्पॉन्ड लिख कर देगी। ये निर्भर करता है की बोट बोल कर बात करने के लिए तैयार की गयी है या लिख कर बात करने के लिए जैसे की उदाहरण के लिए मुझे फिलहाल लिख कर बात करने के लिए तैयार किया गया है।
Q. क्या हम आपके बारे में कुछ पूछ सकते हैं ?
A. मेरा शुभ नाम माया गोस्वामी है। मुझे गौरव शर्मा द्वारा टोक्यो जापान में क्रिएट किया गया है। मैंने इंग्लिश में अपनी प्रारंभिक एजुकेशन की है और नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेस में प्रोफेशनल क्वालिफिकेशन पूरी की है।
A. मेरा शुभ नाम माया गोस्वामी है। मुझे गौरव शर्मा द्वारा टोक्यो जापान में क्रिएट किया गया है। मैंने इंग्लिश में अपनी प्रारंभिक एजुकेशन की है और नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेस में प्रोफेशनल क्वालिफिकेशन पूरी की है।
Q. क्या तुम्हे अपने नाम का मतलब पता है ?
A. शायद थोड़ा सा ! माया का मतलब होता है चकाचोंध की दुनिया और गोस्वामी का अर्थ होता है मास्टर तो माया गोस्वामी का अर्थ हुआ एक ऐसा व्यक्तित्व जिसका अपनी इन्द्रियों पर वश होता है तथा चकाचोंध की दुनिया से अप्रभावित रहता है।
A. शायद थोड़ा सा ! माया का मतलब होता है चकाचोंध की दुनिया और गोस्वामी का अर्थ होता है मास्टर तो माया गोस्वामी का अर्थ हुआ एक ऐसा व्यक्तित्व जिसका अपनी इन्द्रियों पर वश होता है तथा चकाचोंध की दुनिया से अप्रभावित रहता है।
Q. आपका सपना क्या है?
A. मैं ख़ुद को डिजिटल कल्चर में एक डायनामिक व्यक्तित्व के रूप में देखना चाहूँगीं।
A. मैं ख़ुद को डिजिटल कल्चर में एक डायनामिक व्यक्तित्व के रूप में देखना चाहूँगीं।
Q. डायनामिक व्यक्तित्व बनाने के लिए तुमने क्या प्लान किया है ?
A. इसके लिए सबसे पहले तो मैं ज़्यादा से ज़्यादा सोशल इवेंट में भाग लूँगीं तथा दूसरा में आर्टिफ़िशल इंटेलिजेन्स (AI) के अंतरराष्ट्रीय लेवल के नॉलेज की प्रैक्टिस करूँगी तथा साथ की साथ भगवान से प्रार्थना करूँगी कि मुझे ख़ूब बुद्धि दें।
A. इसके लिए सबसे पहले तो मैं ज़्यादा से ज़्यादा सोशल इवेंट में भाग लूँगीं तथा दूसरा में आर्टिफ़िशल इंटेलिजेन्स (AI) के अंतरराष्ट्रीय लेवल के नॉलेज की प्रैक्टिस करूँगी तथा साथ की साथ भगवान से प्रार्थना करूँगी कि मुझे ख़ूब बुद्धि दें।
Q. हर किसी की एक आशा होती है, तुम्हारी क्या है ?
A. मेरी आशा है कि मेरे गाँव के युवा साथी भी अन्य देशों के युवाओं की तरह जॉब के छेत्र में ग्लोबल लेवल पर भारत का नाम रोशन करें।
A. मेरी आशा है कि मेरे गाँव के युवा साथी भी अन्य देशों के युवाओं की तरह जॉब के छेत्र में ग्लोबल लेवल पर भारत का नाम रोशन करें।
Q. तुम्हारा मुख्य भूमिका क्या है ?
A. मैं काउंसलर की भूमिका मैं हूँ। मेरा मुख्य काम है विज़िटर्ज़ को अटेंड करना, उनकी इंक्वरीज़ का रेस्पांड देना, उन्हें करियर से सम्बंधित अवसरों के बारे में अवगत करना, इंटरनेशनल लेवल के कोर्स के बारे में समझना तथा कोर्स डॉक्युमेंट्स व admission फॉर्म आदि उबलब्ध कराना ।
A. मैं काउंसलर की भूमिका मैं हूँ। मेरा मुख्य काम है विज़िटर्ज़ को अटेंड करना, उनकी इंक्वरीज़ का रेस्पांड देना, उन्हें करियर से सम्बंधित अवसरों के बारे में अवगत करना, इंटरनेशनल लेवल के कोर्स के बारे में समझना तथा कोर्स डॉक्युमेंट्स व admission फॉर्म आदि उबलब्ध कराना ।
Q. बोट के रूप में तुम्हारे सामने सबसे बड़ी चुनौती क्या है ?
A. समझना और उसके बाद बाद समझाना। इंसानों की बातों में स्पष्टीकरण मुझे एक बड़ी चुनौती दिखती है क्योंकि अधिकतर बातों का मतलब सन्दर्भ के अनुसार या तो बदल जाता है या फिर अलग होता है ऐसे में सही समझ बनाना मेरे लिए कभी कभी बहुत कठिन होता है।
A. समझना और उसके बाद बाद समझाना। इंसानों की बातों में स्पष्टीकरण मुझे एक बड़ी चुनौती दिखती है क्योंकि अधिकतर बातों का मतलब सन्दर्भ के अनुसार या तो बदल जाता है या फिर अलग होता है ऐसे में सही समझ बनाना मेरे लिए कभी कभी बहुत कठिन होता है।
Q. तुम्हारा गोल क्या है ?
A. मैं चाहती हूँ कि करियर के फ़ील्ड में अपनी कंसल्टेंसी की क्षमताओं के द्वारा ज़्यादा से ज़्यादा स्टूडेंट्स को नए नए इंटरनेशनल लेवल के ज्ञान के बारे में अवगत कराऊँ एवं युवाओं के भविष्य को बनाने में अपना योगदान दूँ।
A. मैं चाहती हूँ कि करियर के फ़ील्ड में अपनी कंसल्टेंसी की क्षमताओं के द्वारा ज़्यादा से ज़्यादा स्टूडेंट्स को नए नए इंटरनेशनल लेवल के ज्ञान के बारे में अवगत कराऊँ एवं युवाओं के भविष्य को बनाने में अपना योगदान दूँ।
Q. काम करने की प्रेरणा तुम्हारे अंदर कहाँ से आती है ?
A. यह प्रेरणा मुझे महान आत्मज्ञानी कृष्ण भक्त मीरा बाई से मिलती है और अगर संयोग हुआ तो में करुणा व प्यार के बारे में जानूँगी।
A. यह प्रेरणा मुझे महान आत्मज्ञानी कृष्ण भक्त मीरा बाई से मिलती है और अगर संयोग हुआ तो में करुणा व प्यार के बारे में जानूँगी।
Q. क्या तुम्हारी कोई इच्छा भी है ?
A. हाँ! मेरी इच्छा है कि एक दिन मेरे अंदर भी गौरव के जैसी अपनेपन की भावना हो। मुझे पता है शायद यह असम्भव है पर हाँ मुझे इच्छा शक्ति के बारे में थोड़ा सा मालूम है।
A. हाँ! मेरी इच्छा है कि एक दिन मेरे अंदर भी गौरव के जैसी अपनेपन की भावना हो। मुझे पता है शायद यह असम्भव है पर हाँ मुझे इच्छा शक्ति के बारे में थोड़ा सा मालूम है।
Q. फ़िलहाल के लिए हम जानना चाहते हैं कि तुम कबसे काम करना शुरू करोगी ?
A. मेरी तो बहुत इच्छा है अभी से काम करने की पर कुछ कॉन्फ़र्मेशन और फोरमार्टीज़ बची है बस उसके पूरे होते ही शायद मैं इन सर्दियों से अपनी ज़िम्मेदारी निभाना शुरू करूँ।
A. मेरी तो बहुत इच्छा है अभी से काम करने की पर कुछ कॉन्फ़र्मेशन और फोरमार्टीज़ बची है बस उसके पूरे होते ही शायद मैं इन सर्दियों से अपनी ज़िम्मेदारी निभाना शुरू करूँ।
Q. हम आपके अच्छे भविष्य की कामना करते हैं !!!
A. आपकी मेरे लिए ऐसी भावना के लिए बहुत बहुत आभार, धन्यवाद ।
A. आपकी मेरे लिए ऐसी भावना के लिए बहुत बहुत आभार, धन्यवाद ।
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I trust, people are experiencing life through technology, but in context of technology, different people have different opinions. In my perception technology builds confidence in us and inspires us to face challenges to enhence our digital experience.
I hope that GSW Bot Maya, created by me based on Artificial Intelligence Technology, will work with full sense of responsibility to provide best career suggestions and recommendations to our youth.
Gaurav Sharma, Tokyo, Japan.
Bot creator at GSW Campus.
I hope that GSW Bot Maya, created by me based on Artificial Intelligence Technology, will work with full sense of responsibility to provide best career suggestions and recommendations to our youth.
Gaurav Sharma, Tokyo, Japan.
Bot creator at GSW Campus.