Welcome in Teacher Fair 2017
"यह शिक्षक मेला समर्पित है सर्वोच्च शिक्षक श्री कृष्ण को , जिन्होंने ज्ञान का प्रसार किया।
मैं इस मेले को महान पुस्तक भगवद गीता के लिए समर्पित करता हूँ , जिसमें विद्या को भंडारण करने का स्रोत बताया "
नमस्ते ! This is Gaurav और मैं आप सभी टीचर्स का स्वागत करता हूँ टीचर्स फेयर 05 में। यहाँ मैं आपको बताना चाहता हूँ कि भरतपुर मैं पहली बार किसी फेयर का आयोजन वेबसाइट पर किया जा रहा है और लोग अपने मोबाइल फ़ोन पर इस पुरे इवेंट को एन्जॉय कर रहे हैं। Meera Sharma Ma`am इस मेले में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लेंगी और वह 30 वर्षों के अपने बहुमूल्य ज्ञान को हम सब के साथ शेयर करेंगीं।
Gaurav Sharma: Dear Ma`am welcome 🌺 to Teacher Fair 2017 , मैं इस fair मे आपका स्वागत करता हूँ।
Meera Sharma: आमंत्रण के लिए धन्यवाद ! और मोबाइल पर इस तरह की इवेंट के आयोजन के लिए मेरी शुभकामनाएं। मुझे उम्मीद है कि इस दृष्टिकोण से लोगों को मोबाइल फोन का इस्तेमाल प्रभावी ढंग से करने में मदद मिलेगी।
Gaurav Sharma: Dear Teachers, इस टीचर फेयर मैं हम व्यक्ति, व्यक्तित्व, भूमिका और जिम्मेदारी पर चर्चा करेंगे। सवाल पूछने की सुविद्या पेज के एन्ड मैं उपलब्ध है।
Person :
Ma'am , जैसा कि हम जानते हैं कि आपका शिक्षा के साथ बहुत मजबूत संबंध है। आप लड़कियों की शिक्षा, महिला सशक्तिकरण और मानवाधिकारों में बहुत रुचि रखती हैं। आप लोगों का समर्थन और उन्हें प्रोत्साहित करती हैं। मैं जानता हूँ कि एक व्यक्ति अपने बल पर नामुमकिन को भी मुमकिन कर सकता है , मुझे यह भी पता है इस दुनिया का सञ्चालन कुछ एक लोग कर रहे है और यह वह वो लोग है जिन्हे अपने आप पर बहुत विश्वास है। मैं आपके माध्यम से यह जानना चाहता हूँ कि यह व्यक्ति कौन है, मेरा मतलब है कि किसी व्यक्ति (person) की परिभाषा क्या है।
Person :
Ma'am , जैसा कि हम जानते हैं कि आपका शिक्षा के साथ बहुत मजबूत संबंध है। आप लड़कियों की शिक्षा, महिला सशक्तिकरण और मानवाधिकारों में बहुत रुचि रखती हैं। आप लोगों का समर्थन और उन्हें प्रोत्साहित करती हैं। मैं जानता हूँ कि एक व्यक्ति अपने बल पर नामुमकिन को भी मुमकिन कर सकता है , मुझे यह भी पता है इस दुनिया का सञ्चालन कुछ एक लोग कर रहे है और यह वह वो लोग है जिन्हे अपने आप पर बहुत विश्वास है। मैं आपके माध्यम से यह जानना चाहता हूँ कि यह व्यक्ति कौन है, मेरा मतलब है कि किसी व्यक्ति (person) की परिभाषा क्या है।
Meera Sharma: आप सही हैं, शिक्षा के साथ मेरा बहुत पुराना, मजबूत और दिल का रिश्ता है। मैंने शादी के बाद अपनी शिक्षा को पुन: प्रारंभ करने का फैसला किया और 11, 12, B.A., M.A. और B.eD.यह सारी एजुकेशन मैंने शादी होने के बाद पूरी की हैं। एक व्यक्ति अगर ठान ले तो कुछ भी कर सकता है। एक व्यक्ति इस ब्रह्मांड की तीन सबसे शक्तिशाली शक्ति को वर्ल्ड मैं लाने का एक माध्यम है, इन शक्तियों को हम सच्चे अहंकार, बुद्धि और मन के नाम से सम्बोधित करते हैं। आपने ध्यान दिया होगा की स्टडी के द्वारा टीचर्स बुद्धि की शक्ति का उपयोग करने के लिए स्टूडेंट्स पर अधिक मेहनत करते हैं। इन शक्तियों के लिए कुछ भी असंभव नहीं है और इन ही शक्तियों के बल पर एक अकेला व्यक्ति और हम कह सकते है कुछ लोग पूरी दुनिया को चला रहे हैं।
Gaurav Sharma: धन्यवाद, जैसा कि आपने बताया कि व्यक्ति सच्चे अहंकार, बुद्धि और मन की शक्ति से लैस है और कोई भी कुछ भी सफलता प्राप्त कर सकता है, अगर प्रत्येक व्यक्ति में एक ही ताकत है, तो सभी व्यक्तियों में इतना बड़ा अंतर क्यों है। आप इस को कैसे देखती है की कोई बहुत ससक्त है, किसी के पास बहुत बुद्धि है या फिर किसी के पास बहुत नेम और फेम।
Meera Sharma: यह सही है कि हम सब के पास ही सामान ताक़त है फिर भी हम हम सब एक दूसरे से बहुत अलग है खासकर तुम देख सकते हो की भरतपुर मैं ही एक ही स्कूल मैं टीचिंग करने वाले सारे टीचर्स मैं से कुछ बहुत अलग और बहुत ज्यादा फेमस हो जाते हैं। अगर हम इस पर थोड़ा सा गौर करें तो पायेंगें कि सारे टीचर्स as a person तो सामान है लेकिन उनकी पर्सनालिटी सामान नहीं है। उनमे से कुछ साइंस मैं परफेक्ट है कुछ आर्ट एक्सपर्ट है कुछ मैनेजमेंट मैं और कुछ एडमिनिस्ट्रेशन बहुत सॉलिड हैं। और यही पर्सनालिटी कारन होती है हम सब इंसानों के अलग होने का।
Personality :
Gaurav Sharma: एक व्यक्ति में इतनी बड़ी शक्तियों के होते हुए भी क्यों उसे किसी व्यक्तितय की जरुरत रह जाती है। क्या आप हम सब को बताएगी कि वास्तव में व्यक्तित्व का क्या मतलब है। आज हर तरफ इसकी चर्चा की जा रही है , लोग इसको लेकर बहुत गंभीर हैं , वो अपनी - अपनी समझ के अनुसार बहुत हार्ड वर्क कर रहे है और कई सारे लोकल इंस्टीटूशन भरतपुर मैं पर्सनालिटी डेवलपमेंट के ऑप्शन भी प्रोवाइड करा रहे हैं। आख़िरकार क्या है व्यक्तित्व।
Gaurav Sharma: एक व्यक्ति में इतनी बड़ी शक्तियों के होते हुए भी क्यों उसे किसी व्यक्तितय की जरुरत रह जाती है। क्या आप हम सब को बताएगी कि वास्तव में व्यक्तित्व का क्या मतलब है। आज हर तरफ इसकी चर्चा की जा रही है , लोग इसको लेकर बहुत गंभीर हैं , वो अपनी - अपनी समझ के अनुसार बहुत हार्ड वर्क कर रहे है और कई सारे लोकल इंस्टीटूशन भरतपुर मैं पर्सनालिटी डेवलपमेंट के ऑप्शन भी प्रोवाइड करा रहे हैं। आख़िरकार क्या है व्यक्तित्व।
Meera Sharma: इसमें कोई दोराय नहीं है हमारे पास बहुत बड़ी शक्तियां है एक व्यक्ति के रूप में और हम कुछ भी कर सकते है और अपने कई बार टीवी , इंटरनेट , न्यूज़ पेपर्स और सोशल मीडिया पर पड़ा और सुना भी होगा "you can do it " राइट। पर मैं यहाँ आपको एक बात स्पष्ट करना चाहूंगी की एक व्यक्ति इस दुनिया मैं कुछ भी कर सकता है (गौर करें ) लेकिन सब कुछ नहीं कर सकता जैसे की तुम इंजीनियर , डॉक्टर , लॉयर , बिजनेसमैन , कारपेंटर , इलेक्ट्रीशियन या और भी कुछ बन सकते हो पर यह सब बनाना एक ही पर्सन के लिए थोड़ा हार्ड है और अगर कोई इस तरह की प्रयत्न करता भी है तो यह जानना कठिन होगा की वह एक्चुअल मैं क्या कर सकता है। और यही से हम समझ सकते है की
"समाज के सञ्चालन मैं हर एक की कुछ न कुछ भूमिका होती है और वह अपनी उस भूमिका का निर्वाहन अपनी ही किसी विशेष प्रकार की पर्सनालिटी की मदद से करता है जो उसने किसी विशेष क्षेत्र की नॉलेज की प्रैक्टिस से हाशिल की है" इस प्रकार हम हम कह सकते है की किसी विशेष उद्देश्य की पूर्ति के लिए बुद्धि, सच्चे अहंकार और मन की शक्ति का प्रयोग करके प्राप्त की गयी योग्यता को व्यक्तित्व कहते है।
"समाज के सञ्चालन मैं हर एक की कुछ न कुछ भूमिका होती है और वह अपनी उस भूमिका का निर्वाहन अपनी ही किसी विशेष प्रकार की पर्सनालिटी की मदद से करता है जो उसने किसी विशेष क्षेत्र की नॉलेज की प्रैक्टिस से हाशिल की है" इस प्रकार हम हम कह सकते है की किसी विशेष उद्देश्य की पूर्ति के लिए बुद्धि, सच्चे अहंकार और मन की शक्ति का प्रयोग करके प्राप्त की गयी योग्यता को व्यक्तित्व कहते है।
Gaurav Sharma:हम जानते हैं कि भरतपुर में शिक्षा का क्षेत्र तेजी से बढ़ रहा है और ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में कई नौकरियां पैदा कर रहा हैं पर हम जानना चाहते है की आप एक व्यक्ति को शिक्षक के व्यक्तित्व मैं कैसे देखते है मेरा मतलब किस तरह के व्यक्तित्व की स्कूल में सर्वाधिक मांग होती है। और मेरा दूसरा प्रश्न है कि टीचिंग जॉब के लिए व्यक्तित्व कैसे विकसित करें।
Meera Sharma: मैं एक शिक्षक के व्यक्तित्व को साहसी, ज्ञान से भरा और कॉन्फिडेंस के पैरामीटर्स से मापती हूँ। इन सब गुणों के द्वारा वह एक लीडर के रूप मैं स्टूडेंट के जीवन को सही दिशा मैं नेतृत्व कर सकता है।
आप जानते हैं कि विकास एक प्रक्रिया है जो पूरी तरह से इस बात पर निर्भर करती है कि आप किस तरह का इनपुट दे रहे हो वांछित परिणाम (output) के लिए । और यह प्रोसेस समय समय बदलता रहता है जैसे कि हम पहले के समय के बारे में बात करें तो यह आवश्यक था कि एक शिक्षक को संस्कृत बोलना आना चाहिए अगर आप अब संस्कृत में बात कर सकते हैं तो हो सकता है की आपको कुछ मुद्दों का सामना करना पड़े क्योंकि अब यह मांग नहीं है वर्तमान पाठ्यक्रम की। इसलिए यदि कोई व्यक्ति शिक्षक के व्यक्तित्व को विकसित करना चाहता है तो उसे कुछ रिसर्च करनी चाहिए , जैसे कि अगर आप रणजीत नगर में या पास में रहते हैं और आप टीचिंग जॉब में शामिल होना चाहते हैं तो आपको स्कूलों और उनके पाठ्यक्रम की जानकारी होनी चाहिए। इसलिए टीचिंग जॉब की पर्सनालिटी डेवेलोप करने के लिए आपकी सब्जेक्टिव नॉलेज परफेक्ट होनी चाहिए , आपके अंदर कुछ स्किल्स होनी चाहिए , किसी एक्स्ट्रा फील्ड की निपुणता होनी चाहिए और इन सब से उप्पर आप को रियल एक्सपीरियंस होना चाहिए की एजुकेशन सिस्टम मैं ज्ञान का आदान प्रदान कैसे किया जाता है।
आप जानते हैं कि विकास एक प्रक्रिया है जो पूरी तरह से इस बात पर निर्भर करती है कि आप किस तरह का इनपुट दे रहे हो वांछित परिणाम (output) के लिए । और यह प्रोसेस समय समय बदलता रहता है जैसे कि हम पहले के समय के बारे में बात करें तो यह आवश्यक था कि एक शिक्षक को संस्कृत बोलना आना चाहिए अगर आप अब संस्कृत में बात कर सकते हैं तो हो सकता है की आपको कुछ मुद्दों का सामना करना पड़े क्योंकि अब यह मांग नहीं है वर्तमान पाठ्यक्रम की। इसलिए यदि कोई व्यक्ति शिक्षक के व्यक्तित्व को विकसित करना चाहता है तो उसे कुछ रिसर्च करनी चाहिए , जैसे कि अगर आप रणजीत नगर में या पास में रहते हैं और आप टीचिंग जॉब में शामिल होना चाहते हैं तो आपको स्कूलों और उनके पाठ्यक्रम की जानकारी होनी चाहिए। इसलिए टीचिंग जॉब की पर्सनालिटी डेवेलोप करने के लिए आपकी सब्जेक्टिव नॉलेज परफेक्ट होनी चाहिए , आपके अंदर कुछ स्किल्स होनी चाहिए , किसी एक्स्ट्रा फील्ड की निपुणता होनी चाहिए और इन सब से उप्पर आप को रियल एक्सपीरियंस होना चाहिए की एजुकेशन सिस्टम मैं ज्ञान का आदान प्रदान कैसे किया जाता है।
Gaurav Sharma: मैंने अपने दोस्तों के द्वारा बहुत बार सुना है कि आप अपनी टीचिंग जॉब मैं अनुसासन को लेकर बहुत सख्त थीं, तो क्या यह आपका टीचिंग जॉब का व्यक्तित्व है।
Meera Sharma: ~~~ (हँसते हुए ) मैं वास्तव में आपके उन दोस्तों से मिलना चाहती हूँ । आप कह सकते है कि यह मेरे ओवर आल टीचिंग जॉब की व्यक्तित्व की क्षमताओं मैं से एक क्षमता है क्लास मैं lesson/ topics प्लानिंग को सही समय पर पूर्ण करने के लिए। जबकि एजुकेशन मैं इसे टीचर की भूमिका (role) के रूप मैं जाना जाता है।
Gaurav Sharma: मैं अपने दोस्तों को आप का यह मैसेज जरूर बताऊंगा ~~~ (हँसते हुए ) , डिअर टीचर्स निश्चित रूप से आने वाले कुछ मिनटों मैं हूँ एजुकेशन सिस्टम तथा क्लासरूम मैं टीचर की भूमिका पर भी चर्चा करेंगे पर उससे पहले मैं बात करेंगें चरित्र (character) की।
Character:
Gaurav Sharma: मुझे कुछ उन दिनों की याद है जैसे मैं अपने टीचर को पार्टियों या कार्यक्रमों या फिर किसी समारोह में देखता था तो मे छिपाने की कोशिश करता था लेकिन आप जानते हैं कि समय एक जैसा नहीं रहता है ग्लोबलाइज़ेशन, सभ्यता और आधुनिकीकरण की वजह टीचर्स के आचरण मैं भी बदलाब हुए हैं तो ऐसी परिस्थितिओं मैं कैसे टीचर्स सामान व्यवहार रख सकते हैं मेरा मतलब institute और institute के बाहर।
Gaurav Sharma: मुझे कुछ उन दिनों की याद है जैसे मैं अपने टीचर को पार्टियों या कार्यक्रमों या फिर किसी समारोह में देखता था तो मे छिपाने की कोशिश करता था लेकिन आप जानते हैं कि समय एक जैसा नहीं रहता है ग्लोबलाइज़ेशन, सभ्यता और आधुनिकीकरण की वजह टीचर्स के आचरण मैं भी बदलाब हुए हैं तो ऐसी परिस्थितिओं मैं कैसे टीचर्स सामान व्यवहार रख सकते हैं मेरा मतलब institute और institute के बाहर।
Meera Sharma: हालाँकि आपकी रिसर्च सही है की संस्थान और सामाज दोनों मैं एक की पहचान रखना, इस तेजी से बदलते परिवेश में बहुत मुश्किल है लेकिन क्या आप जानते हैं कि अगर कोई टीचर इस चुनौती को स्वीकार करता और चरित्र को बनाए रखने में सफलता होता है तो संस्थान के प्रशासन द्वारा बहुत ही उत्कृष्ट प्रतिक्रिया प्राप्त करता है। मुझे लगता है कि विशेष विशेषताओं को बनाए रखने के लिए समझौता किए बिना मजबूत दृढ़ संकल्प की आवश्यकता होती है। चरित्र को ईमानदार, दयालु, धैर्य, साहस आदि जैसे व्यक्तियों के मूल्यों के आधार पर समझा जा सकता है। नैतिकता के साथ सहयोग, चरित्र को बनाए रखने में मदद कर सकता है। इसलिए हमें अपने सर्कल को बहुत सावधानीपूर्वक और बुद्धिमानी से चुनना चाहिए जिससे की चरित्र को कोई हानि ना पहुंचे।
Gaurav Sharma: ठीक है, मैं विशेष रूप से शिक्षण नौकरी में चरित्र के मूल्य को समझता हूं, लेकिन फिर भी मैं चरित्र और व्यक्तित्व के बीच अंतर जानना चाहता हूं।
Meera Sharma: चरित्र मनुष्य का स्थायी रूप है, जबकि व्यक्तित्व परिवर्तनशील है। ठीक है, आपके उदाहरण से इस अवधारणा को समझने की कोशिश करते हैं - आपके मामले में आपके विद्यालय के समय में अलग व्यक्तित्व था , उच्च विद्यालय के बाद कुछ और अलग, कॉलेज के जीवन में एक बार और अलग और अब इस समय आपके पास बिलकुल अलग ही व्यक्तित्व है। इसलिए आपके इस उदाहरण से कोई भी यह समझ सकता है कि व्यक्तित्व में समय या आवश्यकता के अनुसार परिवर्तन हो सकता है लेकिन चरित्र परिवर्तन नहीं हो सकता। लेकिन यहाँ हमें यह भी जान लेना चाहिए कि चरित्र बहुत हद तक सोसिअल से प्रभावित रहता है जैसे कि पश्चिमी देशों में लोगों का चरित्र उनकी सामाजिक संस्कृति के अनुसार ठीक है लेकिन आप जानते है की वही सामान चरित्र का व्यक्ति इंडियन कल्चर मैं स्वीकार्य नहीं है।
Gaurav Sharma: हां, मैं अपने विचार को बहुत स्पष्ट रूप से समझता हूं कि चरित्र का व्यक्तित्व पर छुपा हुआ प्रभाव पड़ता है और साथ ही साथ टीचिंग जॉब मैं महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
मेरे पास इस मेले के सबसे महत्वपूर्ण एजेंडा अभी बाकी हैं, खासकर टीचिंग करने का वो फार्मूला जो किसी टीचर को इंस्टिट्यूट का फेवरेट टीचर बनाने मैं मदद करता है। यह सब मैं सेकंड पार्ट मैं कंटिन्यू करूँगा।
मेरे पास इस मेले के सबसे महत्वपूर्ण एजेंडा अभी बाकी हैं, खासकर टीचिंग करने का वो फार्मूला जो किसी टीचर को इंस्टिट्यूट का फेवरेट टीचर बनाने मैं मदद करता है। यह सब मैं सेकंड पार्ट मैं कंटिन्यू करूँगा।
Shiva Dixit: Hello friends , i hope you are enjoying with my friend Gaurav and Ma'am. Do not hesitate to ask questions we are here to serve you , please use below form to ask question.