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विश्वास की शक्ति

मानवता पर विश्वास​
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​हम सभी मानव हैं और मानवता हमारा मूल व्यवहार है। इस व्यवहार को छोड़कर, हम कैसे आने वाली पीढ़ी के लिए बेहतर भविष्य सोच सकतें है।

-Nitin Sonawane, Engineer,Pune.
मेरी जिंदगी की शुरुआत पुणे के पास के राशीन गांव में हुई और शुरुवाती दिनों से ही मैं जिंदगी के कई सारे पहलुओं से रूबरू हुआ। 8 लोगो के परिवार मैं ही मैंने लगभग सारे धर्मो को जाना , जहाँ मेरे पापा मुस्लिम धर्म को मानते थे वही मेरी माँ क्रिश्चन को , दादी सिख धर्म को और मैं हिन्दू धर्म की मान्यता को देखता रहता था।​
हालाँकि हमारे परिवार को हिन्दूओं मैं गिना जाता था पर माँ और आंटी मछली बेचने का व्यापार करती थी और कभी-कभी मैं भी उनके साथ इस काम मैं हाथ बटाता था।

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Nitin Sonawane, Engineer.  
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मेरी 4 साल की इंजीनियरिंग और इसकी वास्तविक उपलब्धि।

बचपन में लोग, समाज, उनके विश्वास और धर्म की बातों ने मेरे मन मैं कई सारे सवाल पैदा कर दिए थे और इसी के चलते मेरा रुझान साइंस की तरफ होने लगा। 10 वीं , 12 वीं  पास करके में पुणे पहुंचा और Sinhgad Academy of Engineering से अपनी इंजीनियरिंग की स्टडी स्टार्ट की।  इंजीनियरिंग के 4 सालों में मैंने जो अनुभव किया वो यह था की इस दुनिया मैं मुश्किल जैसा वास्तव मैं कुछ है ही नहीं। कॉलेज पास आउट होने के बाद टेलीकम्यूनिकेशन कंपनी मैं जॉब भी लगी और फिर 6 महीने के अंदर क्विट भी कर दिया।  कुछ मिसिंग था मन में, शायद मैं कुछ और करना चाहता था।  ​

मेरा खुद का निर्णय...

एजुकेशन से मेरे अंदर वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित हुआ जिसके चलते मैंने बहुत सारी मानसिकताओं को समझा। अब मैं खुद से ही सवाल पूछने लगा था और अपने अंदर जा कर खुद से ही जबाब खोजता , यहाँ से मेरी धर्मवादी विचारधारा पूरी तरह से विज्ञानवादी विचारधारा मैं बदल चुकी थी और मैंने पहली बार खुद से ही यह सवाल किया `इस जीवन का अर्थ क्या है `

जब पहली बार National Geographic Channel पर मैंने गौतम बुद्ध की आत्म कथा देखी तो उस पल मुझे एहसास हुआ की मेरा सवाल सही है और मैं ही नहीं मेरे 2 और दोस्त अतुल और अजय भी यही सोचते थे, इस साथ ने मुझे और मजबूती दी और आखिरकार मैंने निश्चय कर लिया था की इस सवाल की खोज प्रारम्भ करूँगा कि जीवन का वास्तविक अर्थ क्या है।  

कुछ दिनों बाद मैं अपने घर के निकल गया और बस से पुणे पहुँच कर गोवा का टिकट किया, गोवा मेरी इस यात्रा का कोई बहुत महत्पूर्ण या पहले से सोचा गया प्लान नहीं था बस यही बातों मैं अपने भाइयों से इसका नाम सुना और टिकट ले लिया, अभी इस समय में 17 साल का ही था और बस जो कुछ मिसिंग सा लग रहा था मन मैं उसको कनेक्ट करना चाहता था।  पर 24 घंटों मैं ही मुझे एहसास हो गया की यह यात्रा इतनी सरल नहीं है और मैंने घर लौटने का प्लान बना लिया।  
Nitin Sonawane in Tokyo,Japan during World Peace and Friendship Movement:
टोक्यो, जापान में मानवता में विश्वास और विश्वास की शक्ति की कहानी के दौरान लिया गया फोटो। 4, जून 2017

जहाँ विश्वास की विचारधारा के लिए मन में जगह होती है।  
उस के लिए बहार की दुनिया मैं राह अपने आप बनती हैं।।  

मैं घर जरूर लौट आया था पर मेरे मन में अभी की अशांति और अस्थिरता थी और इसी के चलते मैं गांव की लोकल और नेशनल संस्थाओं से संपर्क करने लगा और कई सारे प्रयासों के बाद मुझे गाँधी जी के जीवन और सिद्धांतों को समझने का मौका मिला और साथ की साथ मेरे जीवन को नया मकसद।  

World Peace and Friendship Movement:
Purpose of my life
अब मेरे जीवन का सिर्फ एक ही उद्देश्य बन गया था और वो था की कैसे पूरी दुनिया मैं शांति और सौहाद्रता बनाई जाये। कैसे दुनिया के लोगो को भारत की उदारता एवं मानवीयता का सन्देश दिया जाये। कैसे मे लोगो के घर जा जा कर अपने मन की बात उन्हें बताऊं। इसी दौरान जर्मनी की एक आर्गेनाइजेशन को मेरे विज़न के बारे मैं पता लगा और उन्होंने मेरे इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए मुझे ना सिर्फ प्रोहत्साहित किया बल्कि अमेरिका जाने और मानवता की शिक्षा का प्रसार-प्रचार करने के लिए visa का प्रबन्ध किया।

This is mission
16 नवंबर 2016 को मैंने World Peace and Friendship Moment के माध्यम से अपने जीवन की इस नई यात्रा की शुरुवात की और जैसे जैसे लोगो को इस मिशन के बारे मैं पता चलता गया वैसे वैसे हर कोई अपने ही तरीके इस मिशन की सफलता के लिए सपोर्ट करता गया।  किसी ने मानव धर्म के चलते खाने की व्यवस्था की तो किसी ने सोने की , किसी ने बस के टिकट की तो किसी ने ट्रैन के और यही यह मानवता रुकी नहीं कुछ ऐसे भी मिले जिन्होंने ना सिफर हवाई जहाज के टिकट की व्यवस्था तथा अलग अलग देशों में इस सन्देश को पहुंचने में भी बहुत मदद की, उन्होंने मुझे अपने परिवार के एक सदस्य की तरह प्यार और सम्मान दिया। 

मानवता और विश्वास।  

मेरे जीवन मैं विश्वास की शक्ति की एक अलग ही कहानी है , बचपन जहां मैं  भगवान, गॉड , ईश्वर आदि परम्पराओं मैं विश्वास रखता था और जो भी चाहता था उपलब्ध हो जाता था। उसके बाद मेरा विश्वास खुद पर होने लगा और जो भी जरुरत थी उस टाइम की वो सारी बड़ी सरलता से ही हासिल हो गयी। अब मेरा विश्वास मानवता पर है और मैं तुम्हारे साथ कई सारी ऐसी घटनाए शेयर कर सकता हूँ जिन्हे सुन कर आप भी मानवता का नया अनुभव करोगे।  

NItin Sonawane, World Traveler: 
साइकिल , 3 बैग और टेंट।  
अपने उसी सवाल और मिशन को साथ मैं रख कर तथा मानवता पे विश्वास की विचाधारा को मूल बना कर मैं मेरी साइकिल से पूरे विश्व मैं शांति एवं भारत की उदारवादी निति से मित्रता स्थापित करने का प्रयाश करना चाहता हूँ और इस प्रयाश यात्रा  की  शुरुवात मैंने 16 नवंबर 2016 को सेवा ग्राम से शुरू की। 

मेरी इस यात्रा मैं एक साइकिल है एक शहर से दूसरे शहर जाने के लिए , 3 बैग है जो इसी साइकिल मैं बधे है जिनमे कुछ सामान है और एक टेंट है इन्ही 3 बैग मैं से एक बैग मैं जो रात को मेरे सोने का टिकना बन जाता है। 

Cycle

Nitin's bicycle during World Peace and Friendship Movement:
जापान के फुनाबोरी शहर में लिया गया फोटो। 4, जून 2017
मिशन की शुरुआत अब इंडिया के शहर से थोड़ी आगे पहुँच गयी और मुझे थाईलैंड मैं जा कर इस विचारधारा के प्रचार प्रसार का मौका मिला एवं में और मेरा दोस्त अजय एक साथ इस मिशन को लेकर थाईलैंड पहुंचे और वह अनजान लोगो को देख पहली बार तो बहुत अजीब लगा पर उनकी मानवता अलग नहीं थी उन्होंने हमारी बात को सुना हमारे मैसेज को समझा और हमें रात मैं सोने और खाने का भोजन दिया। यहाँ से हम दूसरे देश कम्बोडिअ गए फिर वह से वियतनाम , चीन और हॉन्गकॉन्ग। अब मेरा घर यह साइकल ही है। कुछ महीने पहले मेरी मुलाक़ात एक चायनीज़ से हुई गुजरात अहेमदाबाद के सेवा कैफ़े मैं , इस रेस्टोरेंट की भी अपनी एक कहानी है और वो है की इस रेस्टोरेंट मैं अगर आप के पास पैसे नहीं है तो आप को फ़्री मैं खाना खिलाया जाएगा। इसी रेस्टोरेंट मैं मुलाक़ात चायनीज़ दोस्त जिलोंग वांग हाय से हुई और यह साइकल उसी दोस्त ने मुझे दी है । इसी साइकल से जिलोंग ने भी अमरीका , चाइना, नेपाल, और भारत की यात्रा की थी ।

3 Bag

Nitin's 3 bags during World Peace and Friendship Movement:
जापान के फुनाबोरी शहर में पब्लिक पार्क में लिया गया फोटो। 4, जून 2017
यह हैं मेरे बैग्ज़ जिनमें रात मैं सोने का समान , पहनने के कपड़े, एक देश से दूसरे देश मैं यात्रा करने के लिए ज़रूरी दस्तावेज़ और मेरी डाइअरी रहती है । सोने की सामान की यह व्यवस्था एक क्रिस्चन गुरु ने की थी और मेरे चायनीज़ दोस्त जिलोंग की तरह इन गुरु ने भी इसी समान से स्वीडन मैं उपयोग किया था जो किसी स्वीडन इंसान ने इन्हें दिया था । यह यात्रा लोगों के प्यार और हम सब के अंदर  बसे मानवता के विश्वास पर है , हम सब यहाँ  एक दूसरे के लिए है। मैं महसूस कर रहा हूँ कि जैसे जैसे लोगों को मेरे और इस मिशन के बारे मैं पता लगता है वो मुझ से ज़्यादा सोचने लगते है की कैसे मदद की जाए इस मिशन को सफल बनाने के लिए। यह साइकल और बेग मेरे बिना कहे मिशन की कहानी कहते है और जैसे ही लोग इनके पास से गुज़रते है वो अच्छा महसूस करते है और यही से एक शुरूवत होती है लोगों को भारत एवं इस मिशन के बारे मैं बताने की ।

Tent

Nitin's tent during World Peace and Friendship Movement:
जापान के फुनाबोरी शहर में नदी के पास लिया गया फोटो। 4, जून 2017
रात मैं आराम से नींद लेने के लिए छत बनाने में 1 वर्ष या इससे भी अधिक टाइम लग सकता है लेकिन मेरे लिए रात होती है तो केवल 15 मिनट लगते हैं छत बनाने मैं, मेरे पास एक टेंट है जो मैं हमेशा मेरे साथ रहता हैं क्योंकि मेरी इस यात्रा में कुछ रातें मुझे बहुत सारे अनजान लोगो के बीच अपनी इस यात्रा के किस्से कहानी सुनाने का मौका देती है और वही कुछ रातें अकेले जंगलों में प्रकृति के साथ बिताने का मौका भी देती है। मेरे इस टैंट मैं जा कर मैं बिलकुल निश्चिन्त हो कर रात मैं अपनी डायरी लिखता हूँ और बिना किसी किस्म के भय के साथ रात गुजरता हूँ क्योंकि मेरे पास बहार की दुनिया के लिए कुछ भी जरुरी सामान नहीं है पर विश्वास की शक्ति है और इसी की बदौलत सारी दुनिया मैं अमन चैन लाने के मरे सपने बहुत है इस टैंट के अंदर।  
मेरे जीवन का उद्देश्य क्या है इसी सवाल के जबाब की तलाश मैं , शान्ति एवं दोस्ती के मिशन मैं आगे बाद रहा हूँ। अब मेरे पास जो कुछ भी है वो एक साइकिल , बैग और टैंट और इन से भी बढ़कर मानवता पर मेरे विश्वास  और इसी विश्वास के साथ मैं इस मिशन को आगे ले जाऊँगा।  
हालांकि मुझे नहीं पता की आगे की यात्रा कैसी होगी, क्या चुनौतियाँ आएँगी और कौन समाधान करेगा पर मैंने विश्वास की शक्ति को महसूस कर लिया है और मेरे इस विश्वास की शक्ति की झलक मैं आपको बता  सकता हूँ की पिछले 7 महीनों से में इस मिशन पर हूँ और किसी भी रात भूखा नहीं सोया हूँ। यह साबित करता है की आज भी मानवता है बस हमें अपने अंदर जा कर उसे जगाना है।

विश्वास मैं बहुत ताकत होती है और यह नामुमकिन को भी मुमकिन कर देता है। मैं GSW वेबसाइट के माध्यम से आप सभी लोगो से यही कहना चाहता हूँ कि हमें हमेशा यही  सोच कर अपने कर्म  में तल्लीन रहना चाहिए की मैं जो भी कर रहा हूँ वह समाज के लिए उपयोगी तो हैं ना , इससे किसी को हानि तो नहीं हो रही और हमेशा विश्वास रखना की मानवता ही हमारा मूल आचरण भी है और व्यवहार भी।  
  

- NITIN SONAWANE World Traveler For World Peace and Friendship Movement

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हमें आशा है कि नितिन और मानवता मैं इनके विश्वास की कहानी एक बार फिर से समाज मैं मानवता को बढ़ाने मैं मदद करेगी और लोग समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों के बारे मैं जानेगें। और आपका review मानवता के मूल्य को समझने के लिए अन्य पाठकों की सहायता कर सकता है  कृपया विश्वास की कहानी के बारे में अपना review लिखें। रिव्यु लिखने के लिए WRITE REVIEW button को टच करें। 
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