हम अपने जीवन में कई बार और कई तरह से लोगों, जगहों और वस्तुओं के संपर्क में आते है जिससे की हमें कुछ एहसास होना शुरू होता है। प्रारंभिक तौर पर ये एहसास शारीरिक ज्ञान के आधार पर होता है तथा धीरे धीरे मानसिक स्तर और उसके बाद शास्वत लेवल के घ्यान के अनुसार इन एहसासों की अनुभूति बदलती जाती है। यह हमारे जीवन का सबसे सुखद विकशित होने का अनुभव है।
चेतन
चेतन क्या है ? सजीव होने का एहसास। और सजीव से क्या मतलब है ? उत्तरदायी की प्रकृति अर्थात वो व्यक्ति जो अपने बहार तथा उससे भी ज्यादा अपने अंदर घटित हो रहे कारको से अवेयर है। इस प्रकार चेतन का मतलब हुआ एक ऐसा व्यक्ति जिसे एहसास होता, समझ आता है और उसके अनुसार रेस्पॉन्स देता है।
चेतना
चेतना क्या है ? जिसमे किसी भी व्यक्ति, वस्तु तथा जगह को चेतन करने की शक्ति समाहित होती है उसे चेतना कहते है।
जीवन → जिंदगी से जुड़े सारे सवालों, शंकाओं तथा इंसानों के जीवन के सारे पहलुओं का आध्यात्मिक ज्ञान यहाँ उपलब्ध है।
हमारी समझ में नहीं आया, मतलब क्या हुआ चेतना किसी को चेतन कर रही है और चेतन, चेतना को अनुभव कर रहा है। ऐसे तो ये हुआ कहीं हिल स्टेशन गए वहां कोई पत्थर देखा और उसके अंदर क्या है ये हमें पता चल गया, राइट ?
और नहीं तो सही तो पहचाना तुमने मंदिर जाते हो और मूर्ति से बातचीत शुरू कर देते हो। में बहुत सी नॉलेज देने की कोशिश करता हूँ पर जो यह नॉलेज है ये आध्यात्मिक दायरे में आती है मतलब कोई भी हमें इस तरह की नॉलेज दे जरूर सकता है पर अपने समझ में आना ये चैलेंज है।
एक बात बताऊ मुझे एहसास है की और जो नॉलेज हैं वो लॉजिक पर चलती है इसलिए बारम्बार प्रयाश करने पर कोई भी प्रोफेसर किसी भी स्टूडेंट को वो समझने में सफल हो सकता है पर ये जो आध्यात्मिक नॉलेज हैं ना ये इंटुइशन पर चलती है मतलब कोई भी गुरु तुम्हे सिर्फ रास्ता दिखा सकता है पर छोटी छोटी सी भी इनफार्मेशन तुम्हे खुद को ही डिस्कवर करनी है और एक्स्प्लोरर करनी है।
तो इसका मतलब हुआ कि अभी में और तुम अगर इस टॉपिक पर भी बात कर रहे हैं ना यही भी बात हो गयी और यही इस टाइम का सबसे बड़ा अचीवमेंट भी है। आगे पता चलेगा और तुम्हारे अंदर कही आध्यत्म का बीज पड़ा होगा तो पनपने लग जायेगा आज नहीं तो कल, कल नहीं तो परसों, नहीं तो अगले साल।